शेष कभी कुछ होता नहीं, सिर्फ़ रूप बदलता जाता है। शेष कभी कुछ होता नहीं, सिर्फ़ रूप बदलता जाता है।
सखी... सखी...
उन तमाम अनकहे अंधेरों के लिए जो तुम्हारी मधुर मुस्कान को अपने में कहीं लील गए हैं। उन तमाम अनकहे अंधेरों के लिए जो तुम्हारी मधुर मुस्कान को अपने में कहीं लील...
तेरे गुणों को पहचान मिले प्रयास मुझे यह है करना। तेरे गुणों को पहचान मिले प्रयास मुझे यह है करना।
शुद्ध, स्वच्छ हो पर्यावरण संरक्षण दे इस माती कोआज देंगे हम एक संदेशा इस सारी मानव जाति को......... शुद्ध, स्वच्छ हो पर्यावरण संरक्षण दे इस माती कोआज देंगे हम एक संदेशा इस सारी मान...
आत्मदान से बड़ा दान नहीं, प्रेम से बड़ी शिक्षा नहीं। आत्मदान से बड़ा दान नहीं, प्रेम से बड़ी शिक्षा नहीं।